तीन साल में तीन इंच भी नहीं बन पाए छह क्रॉसिंगों पर पुल

शहर को दो भागों में बांटने वाले कानपुर-फरुखाबाद रेल मार्ग पर अनवरगंज से मंधना तक स्थित क्रॉसिंगों में से छह पर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनाने की मंजूरी तीन साल पहले ही रेलवे बजट में मिल गई थी। आज हालत यह है कि तीन साल में तीन इंच भी इन पर काम नहीं हो सका है। पहले ओवरब्रिज फिर एलिवेटेड पुल के फेर में अटका यह मामला आज तक ज्यों का त्यों है। जीटी रोड के समानांतर रेलवे लाइन होने की वजह से ये क्रॉसिंगें शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए मुसीबत हैं। तमाम प्रयास किए गए पर इनसे शहर को निजात नहीं मिली। कई बार शहर को बांटने वाली रेलवे लाइन हटाने तक के लिए आंदोलन किए गए। इसके बावजूद ये क्रॉसिंगे नासूर बनी हुईहैं। जरीबचौकी से कल्याणपुर तक की सभी क्रॉसिंगें औसतन 7-8 घंटे बंद रहती हैं। इसका मतलब साफ है कि दिन-रात में तिहाई समय रेलवे फाटक बंद रहते हैं। अनवरगंज स्टेशन से रोज औसतन 44-46 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। एक ट्रेन के निकलने में क्रॉसिंगें 7 से 12 मिनट तक बंद होती हैं। इतना ही समय फंसे वाहनों को तब निकलने में लगता है, जब ट्रैफिक सामान्य चले, वरना जाम लगना इन क्रॉसिंगों पर परंपरा बन चुकी है।

झकरकटी फ्लाईओवर का मामला एक बार फिर लटक गया