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श्री राधाकृष्ण मंदिर
यह मंदिर जे. के. मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बेहद खूबसूरती से बना यह मंदिर जे. के. ट्रस्ट द्वारा बनवाया गया था। प्राचीन और आधुनिक शैली से निर्मित यह मंदिर कानपुर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहता है। यह मंदिर मूल रूप से श्रीराधाकृष्ण को समर्पित है। इसके अलावा श्री लक्ष्मीनारायण, श्री अर्धनारीश्वर, नर्मदेश्वर और श्री हनुमान को भी यह मंदिर समर्पित है।
जाजमऊ
जाजमऊ को प्राचीन काल में सिद्धपुरी नाम से जाना जाता था। यह स्थान पौराणिक काल के राजा ययाति के अधीन था। वर्तमान में यहां सिद्धनाथ और सिद्ध देवी का मंदिर है।
सूफी संत मखदूम शाह अलाउल हक के दादा का मकबरा
साथ ही जाजमऊ लोकप्रिय सूफी संत मखदूम शाह अलाउल हक के मकबरे के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मकबरे को 1358 ई. में फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। 1679 में कुलीच खान की द्वारा बनवाई गई मस्जिद भी यहां का मुख्य आकर्षण है। 1957 से 58 के बीच यहां खुदाई की गई थी जिसमें अनेक प्राचीन वस्तुएं प्राप्त हुई थी।
जैन ग्लास मंदिर
वर्तमान में यह मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। यह खूबसूरत नक्कासीदार मंदिर कमला टॉवर के विपरीत महेश्वरी मोहाल में स्थित है। मंदिर में ताम्रचीनी और कांच की सुंदर सजावट की गई है।
कमला रिट्रीट कानपुर: एग्रीकल्चर कॉलेज के पश्चिम में स्थित है। इस खूबसूरत संपदा पर सिंहानिया परिवार का अधिकार है। यहां एक स्वीमिंग पूल बना हुआ है, जहां कृत्रिम लहरें उत्पन्न की जाती है। यहां एक पार्क और नहर है। जहां चिड़ियाघर के समानांतर बोटिंग की सुविधा है। कमला रिट्रीट में एक संग्रहालय भी बना हुआ है जिसमें बहुत सी ऐतिहासिक और पुरातात्विक वस्तुओं का संग्रह देखा जा सकता है। यहां जाने के लिए डिप्टी जनरल मैनेजर की अनुमति लेना अनिवार्य है। :; उप महाप्रबंधक (प्रशासन), कमला टॉवर, उत्तर प्रदेश Kamlanagar, कानपुर,। फोन: 2311478 और 2311479।
एलेन फोरस्ट ज़ू :1971 में खुला यह चिड़ियाघर भारत के सर्वोत्तम चिड़ियाघरों में एक है। क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा चिड़ियाघर है। यह कानपुर शहर में स्थित है। यहाँ पर लगभग 1250 जीव-जंतु है। कुछ समय पिकनिट के तौर पर बिताने और जीव-जंतुओं को देखने के लिए यह चिड़ियाघर एक बेहतरीन जगह है।ब्रिटिश इंडियन सिविल सर्विस के सदस्य सर एलेन यहाँ पर फैले प्राकृतिक जंगलों में यह चिड़ियाघर खोलना चाहते थे पर ब्रिटिश काल में उनकी यह योजना जमीन पर नहीं उतर सकी। जब यह चिड़ियाघर भारत सरकार द्वारा 1971 में खोला गया तो इसका नाम उन्हीं के नाम पर रखा गया।इसके निर्माण कार्य में २ वर्ष लगे और यह आम लोगो के लिए 4 फ़रवरी 1974 को खोला गया। यहाँ का पहला जानवर उद्बीलाव था जो की चम्बल घाटी से आया था।यहाँ पर बाघ,शेर,तेंदुआ, विभिन्न प्रकार के भालू,लकड़बग्घा,nगैंडा,लंगूर,वनमानुष,चिम्पान्ज़ी,हिरण समेत कई जानवर है। यहाँ पर अति दुर्लभ घड़ियाल भी है। हाल ही में यहाँ पर हिरण सफारी भी खोली गयी है।इनके आलवा विभिन्न देशी-विदेशी पक्षी भी यहाँ की शोभा बढ़ाते है। अफ्रीका का शुतुरमुर्ग और न्यूजीलैंड का ऐमू, तोता,सारस समेत कई भारतीय और विदेशी पक्षी है।हाल ही में हैदराबाद से एक शेर भी आया है।
कानपुर: चिड़ियाघर में बच्चों की टॉय ट्रेन :The Kanpur toy train is one of the top attraction of Allen Forest. The zoo is one of the best travel spots of Kanpur, Uttar Pradesh. Specially this Kanpur toy train is the main attractions for children. The Bal Rail Train System (BRTS) or Toy train have three coaches and covers 4.5 kms inside the zoo. Visitors to Kanpur zoo specially for Children can take ride in the train and can explore the attractions Allen Forest, 52 animal enclosures and showcasing 1400 zoo inmates here.
Allen Forest Zoo in Kanpur is one of the best zoo of India and top visited Zoological Parks of Uttar Pradesh, India. Here you can explore the botanical garden during your tour to Kanpur. It is an ideal travel destination for outdoor life and picnic spot amongst greenery surroundings.Total Stations : 2 stations, train is halted in each station.Total Coaches : 3 coaches.Operated by : The train is operated by battery.Capacity : Train can carry around 60 to 70 visitors.
फूल बाग:
फूल बाग को गणेश उद्यान के नाम से भी जाना जाता है। इस उद्यान के मध्य में गणेश शंकर विद्यार्थी का एक मैमोरियल बना हुआ है। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद यहां ऑथरेपेडिक रिहेबिलिटेशन हॉस्पिटल बनाया गया था। यह पार्क शहर के बीचों बीच मॉल रोड पर बना है।ब्रिटेन में महारानी विक्टोरिया के शासनकाल के दौरान, पार्क महारानी विक्टोरिया गार्डन के रूप में नामित किया गया थापार्क के पारंपरिक हरियाली स्थानीय नेताओं द्वारा हाल के वर्षों में नष्ट कर दिया गया है और आमतौर पर यह एक मलजल डंपिंग ग्राउंड के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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कानपुरः अगर आप कानपुर में हैं और इस वीकेंड परिवार सहित घूमने का प्लान कर रहे है तो आपके लिए जेके मंदिर बेहतर ऑप्शन है। सादगी और शान्त वातावरण का आनंद अगर लेना है तो परिवार सहित कानपुर के जेके मंदिर जाइये।
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